दक्षिणी भारत के केरल राज्य का एक खूबसूरत शहर है अलापूजा। इसे अलेप्पी भी कहा जाता है। यह केरल के छह बड़े शहरों में से एक है। अलापूजा इस क्षेत्र का सबसे पुराना शहर है। शहर के किनारे बना लाइटहाउस यहां की एक खास पहचान है। अलापूजा का प्रशासानिक हैडक्वार्टर भी इसी शहर में है। खूबसूरत नहर, समुद्री किनारा और समुद्रतल इस शहर को और भी मनोरम बना देते हैं। लार्ड कर्जन ने इस शहर को पूरब का स्वर्ग कहा था। अलेप्पी भारत के महत्वपूर्ण , पर्यटक स्थलों में से है। इसका खबसरत समद्री किनारा सबसे मनोहारी दश्यों में से एक है।
जिसे देखने दूर-दूर से पर्यटक केरल आते हैं। यहां हाउसबोट-क्रज पर सैर करना रोमांचकारी अनुभव देता है। इन हाउसबोट में सफर करते समय लगता है, मानो आप घर में ही हैं। हाउसबोट में बैठकर समुद्री लहरों के खूबसूरत नजारे का आनंद लिया जा सकता है। हर आनद साल अगस्त के दूसरे शनिवार को अलपूजा के नजदीक पुन्नमदा झील में हर साल नेहरू ट्राफी बोट रेस का आयोजन होता है। अलपूजा का सबसे रंगारंग त्योहार दिसम्बर में मनाया जाता है।
इस महीने दस दिन का महत्त्वपर्ण 'मल्लैकल चिराप' यहां के भव्य त्योहारों में से एक है। अलेप्पी का दसरा मुख्य आकर्षण है समद्री किनारा। यहां से अरब सागर का सबसे खूबसूरत दृश्य देखा जा सकता है। साथ ही श्रीकृष्ण मंदिर, एदाथु चर्च और चंषाकुलम वैलिय पाली भी देखे जा सकते हैं। अलपूजा का सबसे बेहतरीन उत्पाद है नारियल। अलपूजा (अलेप्पी) को 17 अगस्त 1957 में बसाया गया था। समुद्र और बहुत सारी नदियों से जुड़े रहने के कारण इस जिले का नाम अलपूजा रखा गया। 1957 में अलपूजा में सात इलाके शामिल थे चेरथाला, अंबालापूजा, कुटनाद, तिरूवला, चेनगानुर, कार्टिकपैली और मैवेलिकारा। आज अलपूजा में सिर्फ छह इलाके ही आते हैं। तिरूवला अब इलाके में शामिल नहीं है।
लंबे-लंबे धान के खेत, छोटे झरने और नहर साथ में नारियल पेडों की कतार अलेप्पी को और भी मनोहारी दृश्य प्रदान करता है। इतिहास के अनुसार मध्यकाल में अलेप्पी के ग्रीस और रोम से व्यापारिक संबंध थे। इस जिले का इतिहास यह भी साबित करता हैं कि इसका देश की आजादी की लड़ाई में भी योगदान रहा है।अलेप्पी में कोई पहाड़ नहीं है पर छोटे-छोटे पहाड़ी पत्थर इधर-उधर बिखरे पड़े हैं। यहां पर खूबसूरत जंगल ही नहीं नहर और समुद्री किनारे इस जगह को बेहद खूबसूरत दृश्य देते हैं।
अलेप्पी को प्राकतिक संदरता वरदान में मिली है। पश्चिम की तरफ ही प्राकृतिक सुंदरता का बेहतरीन नजारा है अरब सागर। यहां कई नहरें होने और तटीय इलाकों के कारण हर साल ढेरों प्रवासी पक्षी यहां आते हैं। यहां मौजद कैथोलिक चर्च देखने लायक हैयहां की नदियां और समद्र में तैरता हाउसबोट पर्यटकों के लिए मुख्य आकर्षण है। अलेप्पी का मौसम शष्क है इसलिए गर्मियों में ज्यादा गर्मी पड़ती है। अक्त बर से दिसंबर-जनवरी तक का महीना सुहावना होता है। तापमान लगभग 27 डिग्री तक रहता है। जून से लेकर सितंबर तक मानसून का महीना होता है।